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क्रेडिट स्कोर को आसान भाषा में कहें तो सिबिल स्कोर किसी भी व्यक्ति का वित्तीय साख होता है। क्रेडिट स्कोर के अनुसार ही यह तय होता है कि किस व्यक्ति को लोन मिलेगा और किस व्यक्ति को लोन नहीं मिलेगा।
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों वाली संख्या होती है। यह संख्या 300 से 900 के बीच होती है। अब आपका सवाल हो सकता है की इस संख्या को बनाता कौन है? तो इस सवाल का उत्तर है – सिबिल नाम की एक कंपनी है। इस कंपनी का पूरा नाम ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड है। यही कंपनी किसी भी व्यक्ति का सिबिल क्रेडिट स्कोर तय करती है।
ऐसा नहीं है कि सिबिल कंपनी ऐसे ही किसी व्यक्ति का सिबिल क्रेडिट स्कोर तय कर देती है। सिबिल स्कोर तय करने के लिए पहले से बनी प्रक्रिया और नियमों का पालन किया जाता है। सिबिल स्कोर तय करने वाले नियम के बारे में आगे बताया जायेगा।

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है। जिसे सामान्य रूप से क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है। सिबिल कंपनी द्वारा व्यक्तियों और गैर-व्यक्तियों (कमर्शियल कंपनी/उद्योग) के बिजनेस लोन और क्रेडिट कार्डस से संबंधित भुगतानों के रेकार्डस् को जुटाया जाता है रखा जाता है।
ये रिकार्डस् बैंको और अन्य लेंडर्स द्वारा मासिक आधार पर सिबिल कंपनी के पास जमा किए जाते हैं। इस जानकारी का उपयोग करके क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) तथा क्रेडिट स्कोर विकसित किया जाता है, जिनकी बदौलत लेंडर्स लोन आवेदनों का मूल्यांकन और स्वीकृत करते हैं।
क्रेडिट ब्यूरो को आरबीआई द्वारा अनुज्ञप्त किया जाता है और क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट ऑफ 2005 द्वारा अधिशासित किया गया है।
क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड, जिसे CIBIL के नाम से जाना जाता है, लोगो को क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर प्रदान करने की प्रमुख एजेंसी है। CIBIL भारत में अग्रणी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन और क्रेडिट कार्ड की जानकारी जैसे लोगो के वित्तीय डेटा का स्रोत है। यह डेटा तब CIBIL क्रेडिट रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिसे एक क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (CIR) के रूप में भी जाना जाता है। CIBIL को सन् 2000 में शामिल किया गया था और इसने पूरे देश में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना जारी रखा है। यह ट्रांसयूनियन इंटरनेशनल और डन और ब्रैडस्ट्रीट द्वारा समर्थित है, जो प्रमुख वैश्विक क्रेडिट ब्यूरो और एजेंसी हैं
स्टेप 1: आधिकारिक CIBIL वेबसाइट https://www.cibil.com/ पर जाएं
स्टेप 2: ‘अपना सिबिल स्कोर प्राप्त करें’ बटन पर क्लिक करें
स्टेप 3: अपना निःशुल्क वार्षिक CIBIL स्कोर पाने के लिए “यहां क्लिक करें” पर क्लिक करें
स्टेप 4: अपना नाम, ईमेल आईडी और पासवर्ड टाइप करें। एक आईडी प्रूफ (पासपोर्ट नंबर, पैन कार्ड, आधार या वोटर आईडी) संलग्न करें। फिर अपना पिन कोड, जन्मतिथि और अपना फोन नंबर डालें
स्टेप 5: ‘स्वीकार करें और जारी रखें’ पर क्लिक करें
स्टेप 6: आपको अपने मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। OTP में टाइप करें और ‘जारी रखें’ चुनें
स्टेप 7: ‘डैशबोर्ड पर जाएं’ चुनें और अपना क्रेडिट स्कोर जांचें
स्टेप 8: आपको वेबसाइट, myscore.cibil.com पर रिडायरेक्ट किया जाएगा
स्टेप 9: ‘सदस्य लॉगिन’ पर क्लिक करें और लॉग इन करने के बाद, आप अपना CIBIL स्कोर देख सकते हैं।
इस तरह से आप देख सकते हैं कि सिबिल स्कोर की जांच करना कितना आसान है। सिबिल स्कोर की जांच हर तीन माह पर करते रहना चाहिए। क्योंकि, अगर कोई विसंगति होगी, तो उसको सुधारा जा सकता है। अन्यथा जब आप बिजनेस लोन के लिए या किसी अन्य लोन के लिए आवेदन करेंगे तो आवेदन पत्र रिजेक्ट हो सकता है।
अपना सिबिल स्कोर जानने के लिए आपको अपनी सिबिल रिपोर्ट की जरूरत होगी। सिबिल रिपोर्ट के लिए आपको सिबिल की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। जिसके बाद आपको 550 रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें एक बार ऑथेंटिकेशन प्रोसेस होगी और उस प्रोसेस के बाद आप सिबिल स्कोर और रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।
आपकी सिबिल रिपोर्ट में आपके खाते जैसे बैंक खाता, लोन और क्रेडिट कार्ड, की पूरी जानकारी होती है। सभी जानकारियां सही होने पर डीपीडी यानि क्रेडिट कार्ड के बिल या किसी लोन की ईएमआई के भुगतान में कितने दिनों की देरी हुई, इसे जरूर देखें। यहां आपको बता दें कि सिबिल सत्यापन के बिना व्यक्तिगत ऋण मिलना संभव नही होता है।
डीपीडी सिबिल स्कोर कम होने के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। डीपीडी बताता है कि किसी खास महीने में आपने क्रेडिट कार्ड के बकाए या लोन की ईएमआई के भुगतान में कितने दिनों की देरी की है। ये देरी ही आपके सिबिल स्कोर को खराब करती है। हांलाकि आप सही कारण बताकर सिबिल रिपोर्ट करेक्शन करा सकते हैं।
आपके भी मन में सवाल यह उठता होगा कि बिगड़े सिबिल स्कोर को सुधारने के क्या तरीके हैं और इसे ठीक होने में कितना समय लग सकता है। आइए, आज उन्हीं उपायों की चर्चा करते हैं जिनकी मदद से आप अपने सिबिल स्कोर को सुधार सकते हैं। सबसे पहले आपको अपने सिबिल स्कोर को प्रभावित करने वाले कारणों का पता लगाना होगा। सिबिल स्कोर 24 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से बनता है।
आपके लोन एकाउंट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां बैंक सिबिल को भेजते हैं। जाहिर है इसमें रिपोर्टिंग की प्रक्रिया के तहत गलती होने की संभावना भी होती है। बैंक की इन गलतियों की वजह से भी आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है।
सिबिल स्कोर की गलतियां ठीक होने के बाद सिबिल रिपोर्ट सुधारने के लिए आपको समय पर अपने बिलों का भुगतान करते रहना चाहिए। हमेशा नए क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए सोच-समझ कर आवेदन करें। अगर आप लगातार 6 महीने तक वक्त में कर्ज चुकाते है तो आपके सिबिल स्कोर में सुधार आएगा और आगे चलकर लोन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।
होम लोन, ऑटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन को ज्यादा अहमियत देनी चाहिए और अनसिक्योर्ड लोन लेने से बचना चाहिए। आपको अपना क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से बचना चाहिए और लगातार अपने ज्वाइंट अकाउंट खातों की, सिबिल स्कोर की समीक्षा करते रहना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति ने बिजनेस लोन या किसी अन्य्र प्रकार का लोन लिया है तो उन्हें सलाह दी जाती है कि वह अपनी EMI तय तारीख पर जमा कर दें।
अगर व्यक्ति ऐसा नहीं करते हैं तो इससे उनके सिबिल स्कोर पर प्रभाव पड़ेगा। सिबिल स्कोर कम हो जायेगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि विलंबित भुगतानों को देनदारों द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है।
अत्यधिक क्रेडिट का उपयोग करना हमेशा उचित नहीं होता है। किसी भी व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग बहुत जरूरी होने पर ही करे। जब क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो उसकी बिलों का ठीक समय पर कर देना चाहिय।
लोन दो प्रकार का होता है। प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन लिया जाता है और बिना कुछ गिरवी रखे लोन लिया जाता है।
जब प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन लिया जाता है तो उसे सेक्योर्ड लोन कहते हैं, इस तरह के लोन में होम लोन, ऑटो लोन आता है।
जब बिना कुछ गिरवी रखे लोन लिया जाता है तो उसे अनसिक्योर्ड लोन कहा जाता है। इस तरह के लोन में बिजनेस लोन, पर्सनल लोन क्रेडिट कार्ड्स इत्यादि आते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि एक साथ 2 से अधिक अनसिक्योर्ड लोन यानी बिना कुछ गिरवी रखे लोन जैसे बिजनेस लोन, पर्सनल लोन लेने से सिबिल क्रेडिट की रेटिंग खराब होती है। इससे बचना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर एक बार खराब दर्ज कर दिया गया तो, वह ठीक नहीं हो सकता है। कभी – कभी ऐसा होता है कि बिना किसी वाजिब कारण के ही किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है।
ऐसे में हमारी सलाह है कि आप अपना अपने सिबिल स्कोर की जांच हर महीने करते रहे। इससे पता लगता रहेगा कि क्रेडिट स्कोर कितना है। अगर बिना किसी वाजिब कारण के क्रेडिट स्कोर खराब हुआ है, तो उसे आवेदन के जरिये ठीक कराया जा सकता है।
एक ही समय पर एक से अधिक लोन लेने पर क्रेडिट स्कोर खराब होने का खतरा बना रहता है। इसके पीछे कारण है कि एक ही समय पर एक से अधिक लोन होने से EMI अधिक हो जाती है। जब EMI हो जाती है तो कई बार EMI जमा करने में दिक्कत होने लगती है। जब EMI समय पर जमा नहीं होती है तो इसका सीधा सर सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।